बह्मांड में हमारे
लिए कई योजनाएँ हैं | यह सच है कि कभी – कभी हमारी उम्मीदों का स्तर तथा हमारी
दूरदर्शिता उतनी प्रखर नहीं हो पाती, जितनी प्रकृति की होती है | स्मरण रखिए,
प्रकृति के नियम कभी हानिकारक नहीं हो सकते हैं |
कम से कम कुछ पाठकों
ने यह अनुभव किया होगा कि प्रकृति ने उन्हें अतीत में कैसे भारी नुकसान तथा खतरों
की संभावनाओं से बचाया होगा | कहीं विलंबता के कारण, तो कहीं नकारने से, तथा कई
अस्वीकृतियों ने उन्हें भविष्य में लाभ दिलाया होगा |
हर
कार्य के होने के पीछे कोई न कोई वजह ज़रूर होती है |
प्रकृति के पास
हमारे प्रयासों को पुरस्कृत करने का अपना ही तरीका है, जो आम आदमी को प्रत्यक्ष
दिखाई नहीं देता है | हमें तब निराश नहीं होना चाहिए, जब परिणामों में विलंब हो
जाता है अथवा परिणाम उम्मीद से अलग हो जाते हैं |
हम केवल अपने
प्रयासों में ही नियंत्रण कर सकते हैं, परिणामों में नहीं | अपना सर्वोत्तम प्रयास
करने से न चुकें अन्यथा यह आपको विफलता का हकदार बना देगा |
एक कहावत है, जो खुद
की मदद करता है, ईश्वर उसी की मदद करता है |
कठिन
परिस्थितियाँ, सफलता चाहने वालों को वैकल्पिक साधक बना देते हैं |
ये सफलता चाहने
वालों को मेहनती बनाते हैं | ये उन्हें कठिनाइयों में भी कई संभावनाएँ दर्शाते हैं
| ये उन्हें अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर ले जाते हैं, जहाँ नवाचार शायद ही मौजूद
हो | इससे उन्हें अनुयायियों के नेताओं के रूप में उत्थान मिलता है |